काव्य सन्ग्रह, 1 -हवा के फूल 1993 2-दूर कहीं सन्र्नाटा है 1998
मैं ज़रूरी काम में व्यस्त थी इसलिए पिछले कुछ महीनों से ब्लॉग पर नियमित रूप से नहीं आ सकी!बहुत ख़ूबसूरत रचना लिखा है आपने! बढ़िया लगा! उम्दा प्रस्तुती!
bahut bhavpoorn abhvyakti.mere blog kaushal par aane ke liye hardik dhanyawad
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2 टिप्पणियां:
मैं ज़रूरी काम में व्यस्त थी इसलिए पिछले कुछ महीनों से ब्लॉग पर नियमित रूप से नहीं आ सकी!
बहुत ख़ूबसूरत रचना लिखा है आपने! बढ़िया लगा! उम्दा प्रस्तुती!
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