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गुरुवार, 9 अक्तूबर 2008

महेन्दर कपूर

मशहूर गायक महेंद्र कपूर का २७ सितबर को निधन हो गया । हमारे मीडिया की देखे, पाश्वॅ गायन के
क्षेत्र मे एक लीजेनड महेंद्र कपूर को सिरे से नकार दिया । आखिर हमारी मीडिया को क्या हो गया है,
मेरे देश की धरती, चलो एक बार फिर से अजनबी, नीले गगन के तले, तुम अगर साथ देने का, मेरा प्यार वो है, तुम्हारा चाहने वाला खुदा की दुनिया मे,दिन है बहार के तेरे मेरे इकरार के, जैसे मधुर गीत देने वाले गायक महेंद्र कपूर को भुलाना आसान है नही । फिल्म फेयर, नेशनल एवाडॅ, पदम श्री प्राप्त
महेंद्र कपूर भारत के नबर एक गायक मोहम्म्द रफी को अपना आदशॅ मानते थे ।

केनवास पर

पहाड़ से जब दूर......
नीचे देखता
कल कल बहती नदी
झर झर गिरता झरना
जीवन की उमॅग मे दोड़ता फिरता पहाड़
शिखरो को चूमते बादल
ढालो पर लुढकते पत्थर
खामोश खामोश फिजा
बहकी बहकी हवा
चहकती फुदकती चिड़िया
उछलते कूदते बन्दर
नजर उठाए जहाँ तक
मुझे देखता पहाड़
मे पहाड़ को जला कर
झरने को बोतल मे बंद करता
कैनवास पर फिर एक नया पहाड़ बनाता ।

जिज्ञासा

मन फिर वही बात सोचता है ऐसा क्य़ो वैसा क्यों
दिन डूबा रात भी आई मगर मन की जिज्ञासा ज्यों की त्यों पाई
फूलो की कोमलता अनुभव की, काँटो की चुभन भी सही
मगर पत्थर को पत्थर, शीशे की बात समझ ना आई
मन...................................... फिर वही बात सोचता है ..