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शनिवार, 22 नवंबर 2008

शून्य.......मैं शून्य हूँ

आज

ऐक सवाल मैं

स्वयं से पूछ रहा हूँ
मैं कोन हूँ...
तुम कोन हो..
वो कोन है..
जब मुझे
मेरा ही पता नहीं
तो फिर
मैं किसे खोज रहा हूँ
मैं ....
मैं शून्य हूँ
तुम.....

5 टिप्‍पणियां:

योगेन्द्र मौदगिल ने कहा…

वाहवा बंधु सुंदर रचना के लिये बधाई स्वीकारें

Renu Sharma ने कहा…

tum tum hi ho .
bahut achchha likha hai .

art ने कहा…

बहुत बढ़िया

sandhyagupta ने कहा…

Bahut achche.

vandana gupta ने कहा…

shunya se shuru safar shunya main hi simat jata hai..........bahut sahi kaha aapne