कुल पेज दृश्य

रविवार, 9 नवंबर 2008

अतीत(कविता)-सपना जैसे अतीत हुआ, जीवन ऐसे प्रतीत हुआ

अतीत में मेरा जन्म हुआ
अतीत में तुम्हारा भी
पोधा वृक्ष बना
सपना सच हुआ
बर्फ पानी हुआ
नदिया बही
सागर में समायी
सागर पानी-पानी हुआ
जीवन कहानी हुआ
भविष्य वर्तमान हुआ
वर्तमान अतीत हुआ
सपना जैसे अतीत हुआ
जीवन ऐसे प्रतीत हुआ

2 टिप्‍पणियां:

Alpana Verma ने कहा…

सपना जैसे अतीत हुआ
जीवन ऐसे प्रतीत हुआ

bahut khuub!

Prakash Badal ने कहा…

सपना जैसे अतीत हुआ
जीवन ऐसे प्रतीत हुआ


वाह भाईजान वाह्, क्या खूब लिखा है।